गाजीपुर बॉर्डर पर हटाई जा रही हैं कीलें, किसानों से मिलने पहुंचे विपक्ष के नेता- पुलिस ने बैरंग लौटाया

नई दिल्ली /हैप्पी जिंदल : कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन का आज 71वां दिन है। अब तक किसान कानून वापसी पर अड़े हैं और दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैत हरियाणा के जींद में महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। टिकैत का दावा है कि यह किसान आंदोलन अक्टूबर तक चलने वाला है। वहीं गाजीपुर बॉर्डर एक बार फिर सियासत के केंद्र में आ गया है। आज वहां जबरदस्त हलचल देखने को मिली है। विपक्षी नेताओं का एक दस्ता आज वहां पहुंचा। इसमें 10 राजनीतिक दलों के सांसद थे। इन सांसदों ने किसानों से मुलाकात की।
वहीं सुत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे विपक्षी नेताओं को पुलिस ने रोक दिया था। विपक्षी पार्टियों के नेता किसानों से मिल नहीं पाए। इससे पहले बहुत देर तक नेता वहां खड़े रहे लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दी। नेताओं ने कहा कि वे लोग लोकसभा अध्यक्ष के पास जाकर यह बताएंगे कि किस तरीके से उन्हें नहीं जाने दिया गया। इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर आज भी सुरक्षा सख्त है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कील-काटों की कतारें ढीली करनी शुरु कर दी है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन्हें नए सिरे से लगाया जाएगा यानी अभी ये साफ नहीं कि गाजीपुर बॉर्डर से सुरक्षा कम की जाएगी या नहीं। हालांकि, दिल्ली पुलिस के सूत्रों के कहना है कि कुछ जगहों पर कील की री-पोजिशनिंग की जा रही है।दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि हम गाजीपुर से कील हटा नहीं रहे हैं, बल्कि कुछ जगहों पर पब्लिक जो आने-जाने वाली है उसको परेशानी न हो इसलिए हम कील की री-पोजिशनिंग कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि ऐसा बस कीलों की जगह बदलने के लिए किया गया था और वहां इंतजाम पहले जैसे ही रहेंगे।