सरकारों की नाकामियों की वजह से पीएचडी पास नौजवान धान लगाने के लिए मजबूर……
15.6.2021 । धर्मवीर गिल्ल । उड़ान न्यूज़24 ।
अमृतसर:- पंजाब में धान की बुआई 10 जून तक शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते गांव गए प्रवासी मजदूरों के न लौटने से अमृतसर के गांव वल्ला से पीएचडी और एमए बीए ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवा उन्होंने खुद धान लगाने की पहल की है ताकि उन्हें फसल बोने में देरी न करनी पड़े। एक संपन्न किसान के अनपढ़ बेटे ने खुद खेतों में धान लगाने की प्रथा शुरू कर दी है, लेकिन सरकार की विफलता और केंद्र की घातक नीतियों से वह निराश है।
इस बारे में बात करते हुए अमृतसर के वल्ला गांव के युवकों ने कहा कि इस बार कोरोना महामारी के चलते जहां प्रवासी मजदूरों की कमी है जिसके कारण हम खुद धान की बुआई करने के लिए आगे आए हैं, लेकिन सरकार की नाकामियों के कारण बिजली 8 घंटे की जगह सिर्फ 5 घंटे ही आ रही है। वहीं डीजल के दाम बढ़ने से जिन खेतों में जनरेटर चल रहे हैं वहां काम करना काफी महंगा हो गया है. सरकार की ओर से फसलों का रेट नहीं बढ़ाया जा रहा है जिससे किसान मेहनत करने के बाद भी कुछ नहीं बचा पा रहा ह ।
दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि वह पंजाब से धान नहीं खरीदेगी क्योंकि पंजाब में किसान कीटनाशकों का अधिक उपयोग करते हैं। इन तमाम मुश्किलों के चलते सरकार की नीतियों के कारण गरीब किसान बर्बादी के कगार पर आ गए है।